World EV Day 2023 : भारत सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए भरकस प्रयास कर रही है। यही प्रयास का नतीजा है कि आज देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग जबरदस्त ग्रोथ देखने को मिली है। फेम-2 सब्सिडी के अलावा सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए हाइवे बनाने की दिशा में काम कर रही है। इलेक्ट्रिक हाइवे बन जाने से ईवी यूजर्स को रेंज के लिए रेंज की चिंता दूर हो जाएगी और भविष्य में लोग ईवी से लंबे ट्रिप की प्लानिंग भी करेंगे। आइये जानते हैं क्या है इलेक्ट्रिक हाइवे की कहानी, इससे ईवी यूजर्स को क्या फायदे मिलेंगे।
विश्व ईवी दिवस World EV Day
- ई-मोबिलिटी के उत्सव को चिह्नित करने के लिए हर साल 9 सितंबर को विश्व ईवी दिवस (World EV Day) मनाया जाता है।
- इस अवसर पर, लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों के लाभों के बारे में शिक्षित करने के लिए दुनिया भर में विशेष जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं।
- यह एक सोशल मीडिया अभियान है जो ड्राइवरों को इलेक्ट्रिक वाहनों के लाभों को पहचानने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- यह ड्राइवरों को यह प्रतिबद्धता बनाने के लिए भी प्रोत्साहित करता है कि वे जो अगली कार चलाएंगे वह इलेक्ट्रिक होगी न कि पारंपरिक ईंधन पर चलने वाली कार।
ईवी समिट (EV Summit)
ईवी समिट दुनिया भर के ई-मोबिलिटी लीडर्स को एक साथ लाता है और इस बात पर विचार-मंथन करता है कि वे विद्युतीकरण और टिकाऊ परिवहन को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं। इसका आयोजन Green.TV द्वारा किया जाता है।
विश्व ईवी दिवस का इतिहास
विश्व ईवी दिवस की पहल सस्टेनेबिलिटी मीडिया कंपनी Green.TV द्वारा बनाई गई थी। विश्व ईवी दिवस का पहला संस्करण 2020 में मनाया गया।
दुनिया का सबसे बड़ा ईवी बाजार
चीन दुनिया भर में सबसे बड़ा ईवी बाजार है। चीन के अलावा, भारत ऑटोमोटिव कंपनियों के लिए अगले पसंदीदा गंतव्य के रूप में भी उभर रहा है। भारत सरकार ने भी इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को आगे ले जाने के लिए हर संभव मदद देने का वादा किया है। वर्तमान में, भारत का ऑटोमोटिव उद्योग दुनिया भर में पांचवां सबसे बड़ा है और 2030 तक तीसरा सबसे बड़ा बनने के लिए तैयार है।
ईवी की ओर बदलाव के लिए भारत के प्रयास
भारत पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर शिफ्ट होने के प्रयास कर रहा है। हाल ही में, एक प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन और स्वच्छ ऊर्जा कंपनी, टेस्ला ने भारत में प्रवेश करने की घोषणा की। टेस्ला ने बेंगलुरु में अपनी सहायक कंपनी टेस्ला इंडिया मोटर्स एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को पहले ही गठित कर लिया है। जापान बेस्ड सुजुकी ने भी भारत में अपना पहला ईवी लॉन्च करने की घोषणा की, जबकि टाटा मोटर्स की योजना 2025 तक 10 इलेक्ट्रिक कारों को लॉन्च करने की है।
दिल्ली से मुंबई के बीच एक इलेक्ट्रिक हाइवे की योजना
पिछले साल जुलाई में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक नई घोषणा की है कि सरकार दिल्ली से मुंबई के बीच एक इलेक्ट्रिक हाइवे (E-Highway) बनाने की योजना पर विचार कर रही है। साथ ही उन्होंने भारी वाहन मालिकों से एथेनॉल, मेथेनॉल के साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल शुरू करने का आग्रह भी किया है।
Electric Highway किसे कहते हैं?
इलेक्ट्रिक हाइवे ऐसी सड़कें होती हैं जिसमें चलते समय इलेक्ट्रिक वाहनों को हर वो सुविधा मिलती है, जिसकी जरूरत ईवी यूजर्स को पड़ती है। इलेक्ट्रिक हाइवे पर 24 घंटे इमर्जेंसी सुविधा, ईवी रिपेयरिंग के लिए मेकैनिक, जगह-जगह चार्जिंग स्टेशंस, बैटरी स्वैपिंग स्टेशंस आदि शामिल हैं। भविष्य में इलेक्ट्रिक कॉरिडोर को देश में बन सकता है, इलेक्ट्रिक कॉरिरोर में ओवरहेड पावर लाइन के जरिए बिजली प्रदान की जाती है, जिसे एक डिवाइस की मदद से ऐसी गाड़ियां चार्ज हो सकती हैं।
जर्मनी जैसे देशों ने 2012 में ही ट्रॉली जैसी गाड़ियों की टेस्टिंग शुरू कर दी थी। वहीं, भारत में बनने वाली दिल्ली-मुंबई एक्स्प्रेसवे के लिए एक अलग लेन में इसकी टेस्टिंग की जा सकती है।
स्वीडन के तर्ज पर बनेगा इलेक्ट्रिक हाइवे?
गडकरी ने इस हाईवे के बारे में जानकारी देते हुए बताया था 1,300 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर एक अलग से इलेक्ट्रिक हाईवे लाइन बनाई जाएगी, जहां ट्रक और बस 120 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से जा सकते हैं। बता दें कि गडकरी ने 2016 में ही कहा था कि भारत में स्वीडन की तरह ई-हाईवे बन सकते हैं।
Electric Highway के फायदे?
इलेक्ट्रिक हाइवे पूरी तरह से ईको फ्रेंडली साबित होगा, क्योंकि इलेक्ट्रिक गाड़ियां डीजल-पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होती हैं। इसके अलावा, इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे वाहनों की आवाजाही पर आने वाले खर्च में भारी कमी हो सकती है। एक रिपोर्ट्स में दिए गए आंकड़े के मुताबिक, ई-हाइवे से लॉजिस्टिक कॉस्ट में 70 फीसदी की आएगी। कुल मिलाकर अगर ट्रांस्पोर्टेशन के लागत में अगर कमी आएंगी की भारत में बिकने वाले चीजों की कीमतों में कमी देखने को मिल सकती है।
World EV Day 2023 पर इन इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ने ईवी सेगमेंट को बढ़ाने में दिया अहम योगदान
देश से कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए और पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से छुटकारा पाने के लिए ज्यादातर लोग इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख कर रहे हैं। अधिकतर वाहन निर्माता अब अपनी डीजल गाड़ियां बंद करके इसके इलेक्ट्रिक मॉडल्स को पेश कर रहे हैं। भारत में ऐसे कई मॉडल्स मौजूद हैं जिनके कंबशन इंजन के साथ ही इसके इलेक्ट्रिक इंजन को भी खूब पसंद किया जाता है। इसलिए आज वर्ल्ड ईवी डे (World EV Day) पर हम आपको कुछ ऐसे मॉडल्स के बारे में बताएंगे जिन्होंने बाजार में आते है धूम मचा दी और सबसे ज्यादा लोगों द्वारा पसंद की गई हैं।
Tata Nexon EV
Tata Nexon EV टाटा की सबसे भरोसेमंद इलेक्ट्रिक कार है। यही वजह है कि कंपनी इस महीने इसका फेसलिफ्ट लॉन्च करने को तैयार है। टाटा नेक्सॉन ईवी फेसलिफ्ट 14 सितंबर 2023 को लॉन्च होने को तैयार है। टाटा मोटर्स ने मौजूदा प्राइम और मैक्स वेरिएंट का नाम बदलकर मीडियम रेंज (एमआर) और लॉन्ग रेंज (एलआर) कर दिया गया है। अब वेरिएंट की बात करें तो टाटा नेक्सॉन ईवी फेसलिफ्ट में Creative+, Fearless, Fearless+, Fearless+ S, Empowered and Empowered+ वेरिएंट मिलता है।
MG ZS EV
किफायती रेंज में आने वाली MG ZS EV ने भी भारत के बहुत से ग्राहकों को अपने फीचर्स का दीवाना बनाया। अगस्त में यह सबसे ज्यादा बिक्री होने वाली दूसरी इलेक्ट्रिक कार थी। 44.5 से 50.3 kWh के बैटरी पैक के साथ इस इलेक्ट्रिक कार में 419 to 461 किलोमीटर का ड्राइविंग रेंज मिलता है। वहीं, इस कार को 16 घंटों में फुल चार्ज किया जा सकता है।
Ola Electric Scooter
जब कभी भी हम इलेक्ट्रिक वाहनों की बात करते हैं खासकर इलेक्ट्रिक स्कूटरों की तो मन में सबसे पहले Ola Electric का नाम आता है। इलेक्ट्रिक स्कूटरों सेगमेंट में तहलका मचाने वाले इस स्कूटर को 15 अगस्त 2021 को सबसे पहले लॉन्च किया गया था। अब बात काफी आगे बढ़ गई है। वर्तमान में ओला देश में सबसे अधिक इलेक्ट्रिक स्कूटर बेचने वाली कंपनी में टॉप पर तो है ही साथ ही साथ इन 2 सालों में ओला के पास 80 हजार रुपये से लेकर 1 लाख 30 हजार रुपये तक की स्कूटर्स की पोर्टफोलियो मिल जाएगी।
Hero Electric
हीरो इलेक्ट्रिक स्कूटर की डिमांड देश में तेजी से बढ़ रही है। हीरो इलेक्ट्रिक की वर्तमान में कई इलेक्ट्रिक स्कूटर्स भारतीय सड़कों पर मौजूद हैं। कंपनी ने ऑप्टिमा CX5.0 (डुअल-बैटरी), ऑप्टिमा CX2.0 (सिंगल बैटरी), और NYX CX5.0 (डुअल-बैटरी) नाम से कुल तीन नए प्रोडक्ट का खुलासा किया है। तीनों इलेक्ट्रिक स्कूटर जापानी टेक्नोलॉजी के साथ कई एडवांस फीचर्स से लैस हैं, जिसमें German ECU technology शामिल है।
Ather Electric
एथर एनर्जी ने हाल ही में अपनी सबसे किफायती इलेक्ट्रिक स्कूटर एथर 450एस को 1 लाख 30 हजार रुपये में लॉन्च किया था। टॉप 5 इलेक्ट्रिक स्कूटर्स सेल्स की लिस्ट में इस इलेक्ट्रिक स्कूटर का नाम शामिल है। एथर इलेक्ट्रिक स्कूटर को देश में सबसे अधिक प्रीमियम माना जाता है।
भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल का मैन्युफैक्चरिंग हब बनने के लिए इन दो चीजों पर देना होगा जोर
भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री में बड़ा उछाल आया है। आपको बता दें कि 2023 की पहली छमाही में भारत में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 268% की वृद्धि के साथ 18,000 यूनिट को पार कर गई। फिक्की-यस बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 2047 तक भारत में नए वाहनों की कुल बिक्री में 87 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी होगी। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की बिक्री में उछाल देखने को मिल रहा है।
ऐसे में विश्व ईवी दिवस (9 सितंबर, 2023) के अवसर पर एक्सपर्ट और ईवी कंपनियों का कहना है कि भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल का मैन्युफैक्चरिंग हब बनने का दम है। हालांकि, इस लक्ष्य को पाने में दो अहम बाधा ईवी में इस्तेमाल होने वाले बैटरी की उच्च लगात और कमजोर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर है। अगर ईवी की दुनिया में परचम लहराना है तो इन दो चीजों पर जोर देना होगा।
Earthtron EV ने फाउंडर, आशीष देसवाल ने कहा कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग तजी से बढ़ने के चलते 2023 में 4.23 बिलियन अमेरिकी डॉलर के भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार का आकार 68% की सीएजीआर से बढ़कर 2030 तक 152 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। देश का लक्ष्य 2030 तक 100% इलेक्ट्रिक मोबिलिटी हासिल करना है। हालांकि, इसके लिए ईवी चार्जिंग इंफ़्रास्ट्रकचर के तेजी से विस्तार पर जोर देना होगा। ईवी को पर्याप्त गति प्रदान करने के लिए चार्जिंग इंफ़्रास्ट्रकचर पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा, ईवी चार्जिंग उद्योग को लाभ पहुंचाने और टिकाऊ परिवहन में परिवर्तन में तेजी लाने के लिए ईवी चार्जिंग कनेक्टर के मानकीकरण की दिशा में कदम आवश्यक है।
सरकारी मदद की जरूरत
सायरा इलेक्ट्रिक ऑटो लिमिटेड (मयूरी ईरिक्शा) के प्रबंध निदेशक नितिन कपूर ने कहा, ’40 विभिन्न प्रकार के वाहनों और 4.23 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बाजार मूल्य के साथ, भारतीय ईवी बाजार, रेडीनेस सूचकांक पर दुनिया में 11वें स्थान पर है। भारी घरेलू मांग वाला बड़ा बाजार भारत में ग्रीन मोबिलिटी के सुनहरे भविष्य का संकेत देता है। इलेक्ट्रिक रिक्शा, जो महानगरों में प्रथम और अंतिम मील कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व हैं और उप-शहरी और ग्रामीण आबादी को किफायती आवागमन प्रदान करते हैं, सरकारी समर्थन से भारत के ईवी उद्योग को और आगे बढ़ाया जा सकता हैं।
यह उद्योग सरकार से सब्सिडी, कम कर, सरल फाइनेंसिंग विकल्प, ईवी चार्जिंग इंफ़्रास्ट्रकचर के विकास और समान इंफ़्रास्ट्रकचर मानकों की स्थापना जैसी अनुकूल पहलों के साथ अधिक सौहार्दपूर्ण दृष्टिकोण चाहता है। ये उपाय भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों द्वारा संचालित अधिक टिकाऊ भविष्य की ओर ले जाने के लिए आवश्यक हैं।
ईवी इंडस्ट्री ने प्रारंभिक चरण पार किया
शेरू के सह-संस्थापक और सीईओ अंकित मित्तल ने कहा, ‘भारत में ईवी की बिक्री टिपिंग पोईंट पर है, यह पहला वर्ष है जब ईवी की बिक्री सभी बेचे गए वाहनों की तुलना में 5% के आंकड़े को पार कर रही है। यह एक महत्वपूर्ण आंकड़ा है, क्योंकि ब्लूमबर्ग विश्लेषण से पता चला है कि जिन देशों में ईवी के कारण नई कारों की बिक्री 5% से अधिक हो गई है, वहां केवल 4 वर्षों में 25% की बढ़ोतरी देखी गई है।
”इस प्रकार भारत का ईवी सेक्टर अपने प्रारंभिक चरण को पार कर चुका है और तेजी से विकास चरण में प्रवेश करने के लिए तैयार है। जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं कि क्या हासिल हुआ है, हमें आगे जो होने वाला है उसके लिए भी तैयार रहना चाहिए। यदि हम अपनी योजनाओं को क्रियान्वित करते हैं और इसे अच्छी तरह से निष्पादित करते हैं, तो आने वाले वर्षों में भारत के मोबिलिटी सेक्टर में परिवर्तन देखा जाएगा। शेरू आगे से ईवी सस्टेनेबिलिटी का नेतृत्व कर रहा है।
ईवी चार्जिंग सिस्टम का प्रभावी प्रबंधन जरूरी
TelioEV के सीईओ, डॉ. ललित सिंह ने कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाने के लिए ईवी चार्जिंग सिस्टम का प्रभावी प्रबंधन आवश्यक है। जिस तरह एक अच्छी तरह से संचालित ऑर्केस्ट्रा सुंदर संगीत बनाता है, उसी तरह चार्जिंग बुनियादी ढांचे का एक अच्छी तरह से समन्वित नेटवर्क विद्युत गतिशीलता में सामंजस्यपूर्ण को व्यवस्थित करता है। हम उपभोक्ताओं और हितधारकों जैसे चार्जिंग स्टेशन मालिकों आदि के साथ उचित स्तर पर जुड़ सकते हैं और चार्जिंग स्टेशनों को सुलभ, किफायती और विश्वसनीय बनाकर रेंज संबंधी चिंताओं को दूर कर सकते हैं। हमें एक उज्जवल, इलेक्ट्रिक भविष्य की ओर निर्देशित करता है क्योंकि भारत स्वच्छ, हरित परिवहन चाहता है।