भारत में इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते हो सकते हैं।
ईवी को सभी के लिए किफायती बनाने के लिए, भारी उद्योग मंत्रालय से जुड़ी एक संसदीय समिति ने लिथियम-आयन बैटरी पर जीएसटी में कटौती की सिफारिश की है।
सरकार पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर दे रही है, लेकिन इनकी कीमत पेट्रोल-डीजल वाहनों की तुलना में काफी ज्यादा है, जिससे ये आम लोगों की पहुंच से बाहर हैं।
इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाले बैटरी पैक वाहन की कुल लागत का 40-45 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं।
संसदीय समिति के अध्यक्ष तिरुचि शिवा की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए ऋण पर 1.5 लाख रुपये तक के ब्याज पर आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80EEB के तहत कर छूट की सिफारिश की है।
नियम 80EEB के मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर लोन के ब्याज पर टैक्स छूट का लाभ 1 जनवरी 2019 से 31 मार्च 2023 तक मिलता है
संसदीय समिति ने 80EEB के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए लिए गए ऋण पर ब्याज भुगतान पर कर छूट के प्रावधान को 31 मार्च, 2025 तक बढ़ाने की भी सिफारिश की है।